सुरभि गौशाला

अंतर्गत गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट, कैथवाड़ी (मेरठ)
गौशाला का मुख्य उद्देश्य
Mission AND VISION
  • भारतीय देसी गायों का संवर्धन व संरक्षण।
  • छोटे-छोटे उद्योगों से स्वावलम्बी केंद्र विकसित करना।
  • भारत की देसी प्रजाती की गौमाता का संरक्षण व् संवर्धन करने हेतु आस पास के ग्रामीण क्षेत्र में इस प्रकल्प के माध्यम से यह अवगत कराना है कि गौपालन कोई अभिशाप नहीं हैं  वरन् हम गौ माता के सभी पंच पदार्थों दूध,दही, घी,गोबर, गोमूत्र का व्यवसायिक दृष्टि से उपयोग करते हुए गौ माता को आत्मनिर्भर बना सकते हैं ।
  • आस पास के लोगों को गोमय पदार्थ के निर्माण हेतु शिक्षण प्रदान कर उनको छोटे-छोटे उद्योगों से स्वावलंबी बनाना है जिससे ग़ौमाता का संवर्धन हो, लोग निरोगी हों।
वेद माता गायत्री मन्दिर
गाव: सर्वसुखप्रदा:
सुरभि गौशाला

आओ मिलकर गौ सेवा करे

हमारे वेदों, उपनिषदों व अन्य हिंदू शास्त्रों में गौ सेवा की प्रधानता वर्णित है और भगवान की कृपा और प्रेम संसार का वैभव और यश समेत चतुष्पुरुषार्थ पाने का गौ सेवा से आसान कोई साधन नहीं है! आइए मिलजुलकर गौ माता की सेवा का पुनीत कार्य करें!

विविध कार्यक्रम

गायत्री शक्तिपीठ एवं गौशाला में समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ! 

विशेष अवसर जैसे जन्मदिन और वैवाहिक वर्षगांठ पर यज्ञ एवं गौ सेवा का कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं!

आगामी कार्यक्रम

  • 08.07.22 को गौशाला का चतुर्थ स्थापना दिवस मनाया जाएगा । सभी सदस्य एवं गो प्रेमियों से अनुरोध है कि कार्यक्रम में उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा को बढ़ाए।

आगामी योजनाएं - सहयोग करें

  • 1200 वर्ग फुट भूसा घर का निर्माण किया जा चुका है । भूसा घर के शेष 600 वर्ग फीट क्षेत्र में चारा मशीन एवं गो कास्ट मशीन को विस्थापित करना एवं सुरभि गोशाला के कार्यालय का निर्माण प्रस्तावित है जिसकी अनुमानित लागत 2.0 लाख रुपए अनुमानित है ।
  • गोपालको के रहने हेतु 4 कमरों का निर्माण (भोजनालय एवं स्टोर सहित) प्रस्तावित है जिसकी अनुमानित लागत ₹2.0 लाख है ।
  • नंदी गृह, नर्सरी एवं प्रसूति गृह का निर्माण अनुमानित लागत ₹3.0 लाख ।
  • गो अर्क से विभिन्न औषधियों का निर्माण आरंभ हो जिससे कम लागत में लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिल सके ।औषधीय पौधों की नर्सरी की स्थापना ।
  • गोबर से धूप बत्ती गणेश लक्ष्मी दीपक एवं अन्य गोमय वस्तुओं का निर्माण ।
  • भारतीय नस्ल की देसी गाय की लुप्त होती प्रजाति का सरंक्षण और संवर्धन करने में आने वाले खर्च  (उनके खाने और रहने की समुचित व्यवस्था ) के लिये ।
  • ऐसी गौशाला को स्वावलम्बी बनाने के लिए एवं क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं को बढ़ने के लिए जैसे ; गोबर से गमले बनाने की आटोमेटिक मशीन , गोबर के छानने की मशीन – pulveriser, धूपबत्ती, दीपक बनाने की मशीनों को खरीदने , पैकिंग मशीन के लिए ।
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